| 1. | अर्थात आवश्यकतानुसार होरा मुहूर्त पूर्ण शुभ फलदाता हैं।
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| 2. | ढैया सा साढ़े साती शनि होने पर भी पूर्ण शुभ फल प्राप्त होता है।
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| 3. | ढैया सा साढ़े साती शनि होने पर भी पूर्ण शुभ फल प्राप्त होता है।
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| 4. | पूर्णा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में पूर्ण शुभ, त्याज्य कर्म घृत है।
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| 5. | आस्था में कमी होने पर किसी भी उपाय के पूर्ण शुभ फल प्राप्त नहीं होते है.
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| 6. | इस स्थिति में जातक द्वारा किये गये कर्मो का पूर्ण शुभ फल प्राप्त नही हो पाता.
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| 7. | आस्था में कमी होने पर किसी भी उपाय के पूर्ण शुभ फल प्राप्त नहीं होते है.
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| 8. | मकर एवं कुंभ लग्न में कर्क राशियों का स्वामी होने के कारण यह पूर्ण शुभ फल देता है।
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| 9. | महादशा के अंतिम दिन २९ अगस्त, क्९ को समाप्त होने से पहले राहु इन्हें पूर्ण शुभ फल देगा।
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| 10. | आस्था में कमी होने पर किसी भी उपाय के पूर्ण शुभ फल प्राप्त नहीं होते है. 3. मन्त्र जाप (
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